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Former twitter CEO पराग अग्रवाल की वापसी: नया AI स्टार्टअप Parallel बना चर्चा का केंद्र

Former twitter CEO पराग अग्रवाल की वापसी

Former twitter CEO पराग अग्रवाल की वापसी

Twitter के पूर्व CEO पराग अग्रवाल, जिन्हें एलन मस्क ने कंपनी अधिग्रहण के बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया था, अब एक नई और दमदार वापसी कर चुके हैं। उन्होंने हाल ही में अपना नया स्टार्टअप Parallel Web Systems लॉन्च किया है, जो आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखता है।

Parallel क्या है और इसका मकसद क्या है?

Parallel Web Systems एक ऐसा स्टार्टअप है जो इंटरनेट को सिर्फ इंसानों के लिए नहीं बल्कि AI एजेंट्स के लिए भी उपयोगी बनाना चाहता है। इसका लक्ष्य है कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस खुद से वेब पर रिसर्च कर सके, तथ्यों को जांच सके, सही स्रोत ढूंढ सके और उन्हें व्यवस्थित कर सके।

30 मिलियन डॉलर की फंडिंग से मिली मजबूती

Parallel ने शुरुआत में ही निवेशकों का भरोसा जीत लिया है। कंपनी ने 30 मिलियन डॉलर (करीब 250 करोड़ रुपये) की फंडिंग जुटाई है। इसमें Khosla Ventures, Index Ventures और First Round Capital जैसे बड़े वेंचर कैपिटलिस्ट्स का सहयोग मिला है। यह फंडिंग इस स्टार्टअप को तेजी से आगे बढ़ने और टेक्नोलॉजी को बड़े स्तर पर लागू करने में मदद करेगी।

Parallel की अनोखी तकनीक

इस स्टार्टअप ने हाल ही में Deep Research API लॉन्च किया है। इसमें खासतौर पर 8 अलग-अलग रिसर्च इंजन बनाए गए हैं। इसका सबसे पावरफुल इंजन Ultra8x है, जो लंबे समय तक गहरी रिसर्च करने में सक्षम है। खास बात यह है कि इस API का दावा है कि यह GPT-5 और इंसानी विशेषज्ञों से भी बेहतर प्रदर्शन कर रही है।

पराग अग्रवाल की वापसी की कहानी

2022 में एलन मस्क ने जब ट्विटर को X में बदला, तब पराग अग्रवाल को CEO पद से हटा दिया गया। यह उनके करियर के लिए बड़ा झटका था। लेकिन हार मानने की बजाय पराग ने अपनी ऊर्जा को एक नई दिशा दी। वे पैलो ऑल्टो की कॉफ़ी शॉप्स में बैठकर कोडिंग और रिसर्च करते रहे और अब उसी मेहनत का नतीजा है Parallel।

भविष्य पर असर

Parallel सिर्फ एक स्टार्टअप नहीं बल्कि एक टेक्नोलॉजिकल मूवमेंट है। अगर यह सफल होता है, तो इंटरनेट को देखने और उपयोग करने का तरीका बदल सकता है। यह स्टार्टअप AI रिसर्च को इतना सक्षम बना देगा कि भविष्य में कंपनियां बिज़नेस इंटेलिजेंस खुद से जुटा पाएंगी, डेवलपर्स डॉक्युमेंटेशन को AI के जरिए आसानी से समझ पाएंगे और रिसर्च का काम मिनटों में हो सकेगा, घंटों या दिनों में नहीं।

निष्कर्ष

पराग अग्रवाल की नई शुरुआत साबित करती है कि असफलता स्थायी नहीं होती। Parallel उनके करियर का नया अध्याय है, जो AI की दुनिया में गहरी छाप छोड़ सकता है। यह स्टार्टअप आने वाले समय में न केवल तकनीक बल्कि इंटरनेट की परिभाषा बदल सकता है।

 

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