उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से उठे छांगुर बाबा मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है, जहां एक 16 साल की नाबालिग लड़की ने सामने आकर इस तथाकथित बाबा और उसके नेटवर्क के गहरे और खतरनाक राज खोले हैं। लड़की के अनुसार, उसे बहला-फुसलाकर धर्मांतरण की साजिश में फंसाया गया, जहां उसे एक विशेष पानी पिलाया गया जिससे वह मानसिक रूप से कमजोर हो गई और अपने परिवारीजनों से कटने लगी। इस मामले की जांच में जब एटीएस और ईडी शामिल हुईं, तो सामने आया कि यह केवल एक धर्मांतरण का मामला नहीं, बल्कि एक संगठित गिरोह द्वारा विदेशी फंडिंग, हवाला नेटवर्क, मानव तस्करी और आतंकवाद से जुड़ी साजिश है। छांगुर बाबा और उसका गिरोह न सिर्फ मासूम लड़कियों को निशाना बना रहा था, बल्कि उन्हें दुबई तक भेजा जा रहा था, जहां उनका अब तक कोई अता-पता नहीं चल पाया है। जांच में खुलासा हुआ कि छांगुर बाबा ने खुद को आरएसएस का सदस्य और प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ा हुआ दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज और लेटरहेड का भी इस्तेमाल किया था। इसके अलावा, गुलाम रब्बानी और बदर सिद्दीकी जैसे लोग इस नेटवर्क का अहम हिस्सा थे जो हवाला के जरिए विदेशों में करोड़ों रुपए भेजते थे। अब तक कई बैंक खातों को सीज़ किया जा चुका है और 100 से अधिक संदिग्धों की जांच चल रही है। यह पूरा मामला केवल धार्मिक छलावे का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुका है, जिसे सरकार और एजेंसियों को बेहद गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करनी होगी।
नाबालिग लड़की का बयान: कैसे फंसाया गया?
बलरामपुर की एक नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया है कि उसे छांगुर बाबा के नेटवर्क ने फुसलाकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया। उसका कहना है कि उसे विशेष प्रकार का “पानी” पिलाया गया जिससे उसका मानसिक नियंत्रण धीरे-धीरे खो गया। उसे लगातार “जन्नत” के ख्वाब दिखाए गए और कहा गया कि वह अल्लाह की विशेष बंदी बन चुकी है। लड़की ने बताया कि जब वह विरोध करती, तो उसे धमकाया जाता कि अगर उसने किसी को बताया, तो उसे मार दिया जाएगा।
कौन है छांगुर बाबा?
छांगुर बाबा, जिनका असली नाम जलालुद्दीन बताया जा रहा है, एक समय खुद को धार्मिक गुरु और समाजसेवी के रूप में पेश करता था। वह धार्मिक समरसता और शांति का ढोंग रचता था, लेकिन जांच एजेंसियों ने उसके चंगुल से कई चौंकाने वाली जानकारियां हासिल की हैं।
लड़कियों को दुबई भेजने का नेटवर्क
जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा और उसके सहयोगी बदर सिद्दीकी ने कई हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर दुबई भेजा। वहां उनका कोई अता-पता नहीं है। यह एक स्पष्ट संकेत है कि मामला केवल धर्मांतरण तक सीमित नहीं, बल्कि मानव तस्करी तक फैल चुका है।
मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला रैकेट
ED की रिपोर्ट के मुताबिक छांगुर बाबा का पूरा नेटवर्क हवाला के जरिए दुबई और नेपाल में पैसा ट्रांसफर कर रहा था। गुलाम रब्बानी नामक व्यक्ति इस पूरे नेटवर्क में अहम भूमिका निभा रहा था। नासरीन नामक महिला के अकाउंट से करोड़ों की राशि विदेश भेजी गई, जिससे पता चलता है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का संगठित गिरोह है।
आतंकवाद से कनेक्शन की जांच
ATS को शक है कि छांगुर बाबा के बनाए कुछ धार्मिक प्रशिक्षण केंद्रों में आतंकवादी गतिविधियों की ट्रेनिंग दी जाती थी। इसके प्रमाण जुटाने के लिए टीम ने कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सीसीटीवी फुटेज और दस्तावेजों को कब्जे में लिया है।
निष्कर्ष
छांगुर बाबा केस केवल एक व्यक्ति या धर्मांतरण से जुड़ा मामला नहीं है। यह एक गहरा, संगठित और योजनाबद्ध षड्यंत्र है, जो हमारी सामाजिक, धार्मिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। 16 साल की मासूम लड़की का साहसिक खुलासा इस पूरे मामले को उजागर करने का कारण बना है। अब यह देश और समाज की ज़िम्मेदारी है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई हो और आगे ऐसे नेटवर्कों को पनपने न दिया जाए।
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