यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध अब पूरी तरह एक नई तकनीकी दिशा में प्रवेश कर चुका है, और इसकी ताज़ा मिसाल यूक्रेन द्वारा रूस पर किया गया हालिया 150 से अधिक ड्रोन और हवाई हमलों का बड़ा हमला है। यह हमला अब तक का सबसे संगठित और बड़ा हवाई हमला माना जा रहा है, जिसमें यूक्रेन ने रूस की राजधानी मास्को, रणनीतिक शहर सेंट पीटर्सबर्ग, और प्रमुख सैन्य क्षेत्रों जैसे ब्रायंस्क, ओरीओल, तुला और लेनिनग्राद को एक साथ निशाना बनाया। यह हमले एक साथ रात और दिन के समय किए गए, जिससे रूसी वायु रक्षा प्रणाली पर अचानक जबरदस्त दबाव बन गया। रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसने इस हमले को पूरी तरह से विफल कर दिया है और करीब 143 से 159 ड्रोन को मार गिराया, लेकिन सच्चाई यह है कि कई ड्रोन रूस के अंदर गहरे तक प्रवेश कर गए थे और उन्होंने कई इलाकों में अफरा-तफरी मचा दी। हवाई सुरक्षा के कारण मास्को और सेंट पीटर्सबर्ग के एयरपोर्टों पर सभी उड़ानें स्थगित करनी पड़ीं, जिससे हजारों यात्री फंसे रहे और व्यापारिक गतिविधियों पर भी बुरा असर पड़ा। यूक्रेन का यह कदम सिर्फ एक जवाबी हमला नहीं था, बल्कि उसकी नई रणनीति का हिस्सा था, जिसमें वह रूस की ‘होम फ्रंट’ को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है।
अब यूक्रेन की सैन्य योजना सीमाओं से आगे बढ़कर रूस के अंदरूनी सैन्य ठिकानों, तेल रिफाइनरियों, हथियारों के गोदामों और लॉजिस्टिक हब को निशाना बनाने पर केंद्रित हो गई है। इस हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन न केवल संख्या में अधिक थे बल्कि उनमें से कई उन्नत AI सिस्टम से लैस थे जो रूसी रडार को चकमा देने में सक्षम थे। रूस की वायु रक्षा ने भले ही अधिकतर ड्रोन को नष्ट करने का दावा किया हो, लेकिन यह स्पष्ट है कि यूक्रेन अब ड्रोन युद्ध में एक नई स्तर तक पहुंच चुका है, जहां वह रूस की तकनीकी मजबूती को चुनौती दे रहा है। इस हमले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मचा दी है—अमेरिका, नाटो, और संयुक्त राष्ट्र ने इस पर चिंता व्यक्त की है, और यह संकेत दिया है कि युद्ध अब खतरनाक मोड़ की ओर बढ़ रहा है। यह घटना यह भी दिखाती है कि भविष्य के युद्धों में पारंपरिक हथियारों से अधिक ड्रोन, साइबर अटैक, और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर महत्वपूर्ण होंगे। इस हमले के बाद रूस को अपनी घरेलू सुरक्षा नीति की समीक्षा करनी पड़ सकती है, वहीं यूक्रेन यह साबित करने में सफल रहा है कि वह केवल अपने क्षेत्रों की रक्षा ही नहीं कर रहा, बल्कि रूस की गहराई तक जाकर उसे चुनौती भी दे रहा है।
निष्कर्ष
यूक्रेन द्वारा किया गया यह बड़ा हमला दर्शाता है कि युद्ध अब पारंपरिक मोर्चों से हटकर तकनीकी क्षेत्रों में प्रवेश कर चुका है। रूस की ओर से इसे नाकाम बताया गया है, लेकिन यह भी साफ है कि यूक्रेन की युद्ध रणनीति में बड़ा बदलाव आया है। ड्रोन युद्ध की यह नई लहर केवल इन दो देशों को नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था को भी नई दिशा दे रही है।