पटना में एक प्रतिष्ठित वकील जितेंद्र मेहता की हत्या का मामला अब एक चौंकाने वाले मोड़ पर आकर खड़ा हो गया है। इस हत्याकांड की तह तक पहुंचने के बाद जो सच सामने आया है, वह न केवल दिल दहला देने वाला है, बल्कि यह सामाजिक रिश्तों और युवा मानसिकता पर भी कई गंभीर सवाल खड़े करता है। पुलिस जांच में सामने आया है कि वकील की हत्या किसी पेशेवर दुश्मनी या जमीन विवाद के चलते नहीं, बल्कि उनकी ही बेटी के प्रेमी मोहम्मद शोएब द्वारा रची गई एक गहरी साजिश का परिणाम थी।
कौन थे जितेंद्र मेहता?
जितेंद्र मेहता पटना हाई कोर्ट से जुड़े एक वरिष्ठ और सम्मानित वकील थे। उनकी छवि निडर, ईमानदार और न्यायप्रिय व्यक्ति की थी। वे हमेशा सामाजिक बुराइयों और अपराध के खिलाफ लड़ते रहे। लेकिन उन्हें शायद कभी यह अंदेशा नहीं था कि एक दिन उनके अपने ही घर से जुड़ा रिश्ता उनकी मौत का कारण बनेगा।
बेटी के प्रेम संबंध और पिता की चिंता
सूत्रों के मुताबिक, वकील जितेंद्र मेहता अपनी बेटी के प्रेम संबंध को लेकर बेहद चिंतित थे। बेटी की मोहम्मद शोएब नामक युवक से नजदीकियां उन्हें मंजूर नहीं थीं। वे बार-बार बेटी को समझाते और उससे दूरी बनाने की हिदायत देते। परिवार और समाज की प्रतिष्ठा को देखते हुए उन्होंने सख्ती भी बरती, जिसके चलते बेटी और शोएब दोनों के बीच तनाव पैदा हो गया। इसी तनाव ने शोएब के मन में बदले की आग भड़का दी।
सुपारी देकर करवाई हत्या
पुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मोहम्मद शोएब ने अपने साथियों के साथ मिलकर वकील की हत्या की पूरी योजना बनाई। उसने पेशेवर अपराधियों को पैसे देकर सुपारी दी ताकि वह इस ‘बाधा’ को हमेशा के लिए खत्म कर सके। हत्या को लूट या एक्सीडेंट जैसा दिखाने की भी कोशिश की गई, ताकि शक न जाए। लेकिन पटना पुलिस की सूझबूझ और टेक्नोलॉजी की मदद से मामले की परतें धीरे-धीरे खुलती गईं।
जांच का मोड़: कॉल रिकॉर्डिंग और CCTV से फूटी सच्चाई
जब पुलिस ने घटना के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की और कॉल डिटेल रिकॉर्ड खंगाले, तो कई संदिग्ध बातें सामने आईं। मोहम्मद शोएब की गतिविधियां हत्या से पहले और बाद में संदिग्ध पाई गईं। पुलिस ने जब उसे हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ की, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
अपराधियों की गिरफ्तारी जारी, बेटी की भूमिका पर भी जांच
फिलहाल पुलिस ने मुख्य आरोपी मोहम्मद शोएब को गिरफ्तार कर लिया है और उन अपराधियों की तलाश कर रही है जिन्हें सुपारी दी गई थी। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या वकील की बेटी को इस साजिश की जानकारी थी या वह भी शोएब की मंशा से अनजान थी। हालांकि अभी तक कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आए हैं जो बेटी की संलिप्तता साबित करें।
वकील समुदाय में आक्रोश, न्याय की मांग तेज
इस हत्याकांड के बाद वकील समुदाय में जबरदस्त गुस्सा है। बार काउंसिल ऑफ बिहार ने सरकार से मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द सख्त सजा दी जाए और वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसे ‘न्याय व्यवस्था पर हमला’ करार दिया है।
न्याय और समाज को झकझोरता सवाल
यह मामला सिर्फ एक हत्या का नहीं, बल्कि एक पूरे सामाजिक ताने-बाने पर सवालिया निशान है। जब युवा अपने रिश्तों में असहमति को नफरत और हिंसा में बदलने लगें, तो यह केवल एक परिवार की नहीं, पूरे समाज की हार है। यह सोचने का समय है कि हम अपने बच्चों को संवाद, सहिष्णुता और संयम की शिक्षा क्यों नहीं दे पा रहे हैं।
निष्कर्ष
जितेंद्र मेहता की हत्या हमें यह चेतावनी देती है कि आधुनिक समाज में भावनात्मक असंतुलन और परिवारों में संवादहीनता किस कदर खतरनाक रूप ले सकती है। मोहम्मद शोएब का यह अपराध न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि मानवीय रिश्तों की मर्यादा का भी विनाश है। न्याय व्यवस्था अपना काम कर रही है, लेकिन समाज को भी आत्ममंथन करने की आवश्यकता है।