टाटा मोटर्स डिमर्जर अपडेट: 14 अक्टूबर को तय हुई रिकॉर्ड डेट, 5 दिनों में शेयर 9% लुढ़का — अब निवेशकों के लिए आगे क्या?
टाटा मोटर्स डिमर्जर अपडेट
टाटा मोटर्स (Tata Motors) इन दिनों शेयर बाजार में सुर्खियों में है। कंपनी के शेयरों में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जो बीते 5 कारोबारी सत्रों में करीब 9% तक फिसल चुके हैं। निवेशकों में यह गिरावट को लेकर हलचल है क्योंकि कंपनी का डिमर्जर (Demerger) यानी विभाजन अब अपने अहम चरण में पहुंच चुका है। टाटा मोटर्स ने अपने पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल बिज़नेस को अलग करने का ऐलान पहले ही किया था, और अब 14 अक्टूबर 2025 को इसकी रिकॉर्ड डेट तय कर दी गई है। सवाल यह है — इस डिमर्जर का निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा, और क्या अभी टाटा मोटर्स के शेयर खरीदने का सही समय है या नहीं? आइए समझते हैं पूरा मामला विस्तार से।
टाटा मोटर्स ने मार्च 2024 में घोषणा की थी कि वह अपने व्यवसाय को तीन अलग-अलग इकाइयों में विभाजित करेगी। पहला पैसेंजर व्हीकल (PV) यूनिट, जिसमें टाटा की फेमस कारें जैसे नेक्सॉन, पंच, हैरियर आदि शामिल हैं। दूसरा कमर्शियल व्हीकल (CV) यूनिट, जो ट्रक और बस सेगमेंट में कंपनी की मजबूत पकड़ रखता है। तीसरा जगुआर लैंड रोवर (JLR) यूनिट, जो टाटा की लग्ज़री कार डिवीजन है और वैश्विक स्तर पर काम करती है। कंपनी का उद्देश्य है कि हर सेगमेंट को अपनी-अपनी रणनीति, निवेश और मार्केट फोकस के साथ आगे बढ़ने की आज़ादी मिले। इससे ग्रुप की संगठनात्मक दक्षता (Operational Efficiency) बढ़ेगी और निवेशकों को भी ज्यादा पारदर्शिता मिलेगी।
रिकॉर्ड डेट वह तारीख होती है जिस दिन तक कंपनी के शेयर होल्ड करने वाले निवेशक नए शेयर या बेनिफिट के पात्र माने जाते हैं। टाटा मोटर्स के मामले में, जो निवेशक 14 अक्टूबर 2025 तक कंपनी के शेयर अपने डिमैट अकाउंट में रखेंगे, उन्हें डिमर्जर के बाद नई इकाइयों के शेयर भी मिलेंगे। इसका मतलब यह है कि अगर आप रिकॉर्ड डेट से पहले शेयर बेच देते हैं, तो आपको नई कंपनियों के शेयर नहीं मिलेंगे। इसलिए कई निवेशक इस डेट से पहले मुनाफावसूली कर रहे हैं, जिससे शेयर प्राइस पर दबाव दिख रहा है।
पिछले हफ्ते से टाटा मोटर्स के शेयर में लगातार बिकवाली देखी जा रही है। बीएसई पर यह शेयर ₹1,100 से फिसलकर करीब ₹1,000 के नीचे आ चुका है। गिरावट के मुख्य कारणों में डिमर्जर के बाद अनिश्चितता, प्रॉफिट बुकिंग और ग्लोबल मार्केट दबाव शामिल हैं। निवेशक यह अंदाज़ा नहीं लगा पा रहे हैं कि नई इकाइयों का वैल्यूएशन कितना होगा। कई शॉर्ट-टर्म निवेशकों ने रिकॉर्ड डेट से पहले मुनाफा निकालना शुरू किया, वहीं विदेशी निवेशकों द्वारा निकासी और डॉलर की मजबूती से ऑटो सेक्टर में कमजोरी आई।
टाटा मोटर्स के चेयरमैन के अनुसार, यह डिमर्जर कंपनी को “स्पष्ट फोकस और तेज़ विकास” का मौका देगा। पैसेंजर व्हीकल यूनिट इलेक्ट्रिक कारों और SUV सेगमेंट में अपनी स्थिति मजबूत करेगी। कमर्शियल व्हीकल यूनिट EV बस और ट्रक में तकनीकी नवाचार पर ध्यान देगी। JLR यूनिट वैश्विक लग्ज़री मार्केट में स्वतंत्र रूप से निवेश जुटा सकेगी। इसका सीधा फायदा निवेशकों को मिलेगा क्योंकि अलग-अलग इकाइयों का वैल्यू अनलॉक (Value Unlock) होगा। कई ब्रोकरेज फर्म्स का मानना है कि डिमर्जर के बाद शेयरों में लॉन्ग टर्म ग्रोथ पोटेंशियल बढ़ जाएगा।
शेयर की गिरावट के बावजूद, फंडामेंटल्स मजबूत हैं। JLR की बिक्री यूरोप और अमेरिका में स्थिर है। EV सेगमेंट में टाटा की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्ट सेक्टर की ग्रोथ CV यूनिट को सपोर्ट करेगी। कई मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि डिमर्जर के बाद शुरुआती अस्थिरता रहेगी, लेकिन लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स को घबराने की जरूरत नहीं है। यह गिरावट खरीदारी का मौका भी हो सकती है।
डिमर्जर प्रक्रिया लंबी हो सकती है और कोर्ट/रेगुलेटरी अप्रूवल्स में समय लग सकता है। JLR यूनिट की बिक्री पर वैश्विक आर्थिक स्थिति का असर पड़ सकता है। EV मार्केट में प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़ रही है। इन जोखिमों के बावजूद, टाटा मोटर्स का ग्रुप स्तर पर मजबूत बैलेंस शीट और इनोवेशन क्षमता इसे स्थिर बनाती है।
टाटा मोटर्स का डिमर्जर एक रणनीतिक कदम है जो कंपनी को भविष्य की दिशा में और मजबूत बनाएगा। शेयर में हालिया गिरावट शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव है, लेकिन लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है। अगर आप ऑटो सेक्टर में स्थिर ग्रोथ और वैल्यू क्रिएशन की तलाश में हैं, तो टाटा मोटर्स को अपने पोर्टफोलियो में बनाए रखना समझदारी होगी।