अमेरिका की धमकी पर चीन का पलटवार: BRICS का मकसद है सहयोग, टकराव नहीं

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अमेरिका की धमकी पर चीन का पलटवार: BRICS का मकसद है सहयोग, टकराव नहीं

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक बार फिर से टैरिफ हथियार उठाने की चेतावनी के बाद वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक हलचलों में गर्मी बढ़ गई है। ट्रंप ने हाल ही में संकेत दिया है कि अगर वह दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बने, तो चीन समेत 12 देशों पर भारी टैरिफ लगाएंगे और उन्हें ‘टेक इट ऑर लीव इट’ की स्थिति में डाल देंगे। इस धमकी का सीधा असर वैश्विक व्यापार तंत्र और बहुपक्षीय सहयोग पर पड़ सकता है। इन बयानों के बाद चीन ने स्पष्ट और तीखा बयान देते हुए कहा कि BRICS किसी प्रकार का टकराव नहीं चाहता और न ही किसी देश को निशाना बनाने की नीति अपनाता है। चीन के विदेश मंत्रालय ने BRICS की भूमिका को सहयोग और समान विकास के स्तंभ के रूप में परिभाषित किया, और कहा कि यह मंच सभी विकासशील देशों के लिए समान अवसर और भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है। चीन ने यह भी चेताया कि ट्रंप जैसे नेताओं की संरक्षणवादी नीतियाँ वैश्विक आर्थिक असंतुलन को और बढ़ावा दे सकती हैं, और यह समय व्यापार युद्ध नहीं, बल्कि मिलकर आर्थिक पुनर्निर्माण का है। BRICS की बढ़ती भूमिका अब अमेरिका के दबदबे को चुनौती देने लगी है और कई देश इस मंच को एक स्थायी और विश्वसनीय साझेदार के रूप में देख रहे हैं। चीन के इस रुख ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले वर्षों में BRICS सिर्फ आर्थिक साझेदारी का मंच नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक सत्ता संतुलन में अहम भूमिका निभाएगा।

 

 

क्या है ट्रंप की टैरिफ धमकी

हाल ही में ट्रंप ने अपने पुराने रुख को दोहराते हुए संकेत दिए कि अगर वे दोबारा राष्ट्रपति बने तो चीन सहित 12 देशों पर भारी टैरिफ लगाएंगे। उनका दावा है कि इससे अमेरिकी उद्योगों की रक्षा होगी और विदेशी प्रतिस्पर्धा सीमित होगी। ट्रंप का यह ‘टेक इट ऑर लीव इट’ अल्टीमेटम दुनिया भर के व्यापारिक साझेदारों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

 

चीन का संकेत: BRICS की भूमिका अब और बड़ी होगी

चीन ने संकेत दिया है कि ट्रंप की धमकियों से वैश्विक बहुपक्षीय ढांचे पर असर पड़ सकता है, लेकिन BRICS जैसे मंच अब विकासशील देशों के लिए भरोसे का विकल्प बनते जा रहे हैं। बीजिंग का कहना है कि BRICS का विस्तार और उसके भीतर हो रहा आर्थिक सहयोग किसी भी शक्ति संतुलन को चुनौती नहीं देता, बल्कि वैश्विक विकास को संतुलित बनाने की दिशा में काम करता है।

 

 

निष्कर्ष

जहां ट्रंप एक बार फिर व्यापार युद्ध की राह पर लौटने के संकेत दे रहे हैं, वहीं चीन BRICS के माध्यम से सहयोग, स्थिरता और निष्पक्षता की वकालत कर रहा है। यह बयान सिर्फ अमेरिका के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक संकेत है कि आने वाले वर्षों में BRICS की भूमिका निर्णायक हो सकती है।

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